CBSE New Rule: अगर आपका बच्चा कक्षा 1 से 10 में CBSE स्कूल में पढ़ रहा है, तो 2025 से होने वाले ये बदलाव आपके लिए ज़रूरी हैं। CBSE ने पढ़ाई और परीक्षा से जुड़े नए नियम लागू किए हैं, जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत तैयार किया गया है। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य है बच्चों पर पढ़ाई का बोझ घटाना, उनकी सोचने और समझने की क्षमता को बढ़ाना और उन्हें ऐसे कौशल सिखाना जो आगे की ज़िंदगी में काम आएं। अब बच्चों का रिजल्ट केवल एक दिन की परीक्षा पर नहीं, बल्कि पूरे साल के काम और प्रदर्शन पर तय होगा।
अब साल में दो बार परीक्षा और नए अंक नियम
सबसे बड़ा बदलाव 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को लेकर है। अब यह साल में दो बार होगी, फरवरी और अप्रैल में। छात्र चाहें तो केवल एक बार परीक्षा दें या दोनों बार, लेकिन अंतिम मार्कशीट में वही नंबर जुड़ेंगे जो सबसे अच्छे होंगे। इससे छात्रों को गलती सुधारने और बेहतर प्रदर्शन करने का एक अतिरिक्त मौका मिलेगा। साथ ही, अब 40% अंक स्कूल में किए गए काम जैसे प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और इंटरनल टेस्ट से जुड़ेंगे, जबकि बाकी 60% अंक बोर्ड परीक्षा से आएंगे। इसका मतलब है कि सालभर की पढ़ाई और मेहनत का सीधा असर रिजल्ट पर पड़ेगा, जिससे केवल एक दिन की परीक्षा का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा।
अटेंडेंस, सुरक्षा और परीक्षा के नए नियम
CBSE ने उपस्थिति को लेकर भी सख्ती दिखाई है। किसी भी छात्र को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% अटेंडेंस ज़रूरी होगी। अगर उपस्थिति इससे कम है तो सिर्फ मेडिकल, खेल या अन्य विशेष कारणों पर ही छूट मिलेगी, और उसके लिए सही प्रमाण देना होगा। परीक्षा के समय एडमिट कार्ड और स्कूल आईडी कार्ड लेकर जाना अनिवार्य होगा, इनके बिना एग्जाम सेंटर में प्रवेश नहीं मिलेगा। परीक्षा प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए हर परीक्षा केंद्र पर CCTV कैमरे लगाए जाएंगे और उत्तर पुस्तिकाओं पर QR कोड होगा, जिससे नकल और गड़बड़ी रोकी जा सके।
खेल, प्रतियोगिता और बेस्ट ऑफ फाइव नियम
खेल और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों के लिए भी खास व्यवस्था की गई है। अगर कोई बच्चा राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग ले रहा है और उसकी तारीख परीक्षा से टकरा रही है, तो CBSE उस छात्र के लिए अलग से परीक्षा आयोजित करेगा। इसके अलावा, पहले से लागू ‘बेस्ट ऑफ फाइव’ स्कीम जारी रहेगी, जिसमें केवल पांच सबसे अच्छे विषयों के अंक ही प्रतिशत निकालने में गिने जाएंगे। इससे उन विषयों में कम नंबर आने पर भी बच्चों के कुल प्रतिशत पर असर नहीं पड़ेगा।
कक्षा 1 से 10 तक सभी पर लागू होगा नया सिस्टम
ये सभी नियम कक्षा 1 से लेकर 10 तक के छात्रों पर लागू होंगे। इससे बच्चों को शुरू से ही प्रैक्टिकल और स्किल-बेस्ड पढ़ाई का अनुभव मिलेगा, रटने की आदत कम होगी और वे पढ़ाई को बोझ नहीं बल्कि सीखने का एक रोचक तरीका मानेंगे। CBSE का यह कदम बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों तीनों के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि अब रिजल्ट पूरे साल की मेहनत पर आधारित होगा, न कि केवल एक दिन की परीक्षा पर।